Home > Blossary: hashmiherbal
http://www.hashmidawakhana.net/azoospermia-nil-sperm-in-hindi/
शुक्रहीनता
कई पुरुषों को यौन सम्बन्धी कोई रोग नहीं होता तथा सहवास के समय उनके शिशन में उत्तेजना व तनाव भी सामान्य व्यक्ति जैसा ही होता है। सम्भोग शक्ति भी पूर्ण होती है किन्तु उनके वीर्य में संतान उत्पन्न करने वाले शुक्राणु या तो बिल्कुल ही नहीं होते या बहुत कमजोर एवं मंदगति से चलने वाले होते हैं जिससे पुरुष संतान उत्पन्न करने योग्य नहीं माना जाता सकता। कई बार इस रोग के साथ व्यक्ति की पिछली गलतियों के कारण या अत्यधिक वीर्य नाश के कारण और भी कई रोग लगे हुए होते हैं तो ऐसे रोगों के लिए यूनानी एवं शक्तिशाली नुस्खों द्वारा तैयार इलाज सबसे बेहतर माना जाता है। हमारे ऐसे ही सफल इलाज में असंख्य रोगी भाई जो निराश होकर संतान पैदा करने की चाहत ही मन में से निकाल चुके थे अब व निराशा को आशा में बलकर संतान पैदा करने योग्य बन चुके हैं।
सुजाक :
यह रोग भयानक एवं छूत का रोग है यह रोग गन्दी स्त्रियों व वेश्याओं के साथ सम्भोग करने से होता है। इसकी निशानी यह है कि सम्भोग के कुछ दिन बाद रोगी के पेशाब में जलन होनी शुरू हो जाती है। पेशाब लाल और गर्म आता है पेशाब करते इतनी जलन होती है कि रोगी सचमुच कराहने लगता है। कुछ दिनों के बाद गुप्त इंद्री में से पीप निकलनी शुरू हो जाती है और कभी कभी पेशाब के साथ खून भी आना शुरू हो जाता है। ज्यों ज्यों यह रोग पुराना होता है दर्द जलन एवं चुभन घटती जाती है। केवल पीप बहता रहता है। यह पीप इतना जहरीला होता है कि यदि बेध्यानी में किसी रोगी की आंख पर लग जाए तो अन्धा होने की आशंका रहती है। इस रोग के कीटाणु धीरे धीरे रक्त मे प्रवेश करके अन्य अंगों पर भी असर डालते है। यदि रोग के जरा भी लक्षण दिखाई दें तो आप तुरंत चिकित्सा कराएं। हमारे इलाज से इस रोग के अनेकों रोगी ठीक होकर तन्दुरूस्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
Category: Health
0 Terms
1
Created by: drhashmi
Number of Blossarys: 58
My Terms
Collected Terms
drhashmi hasn't added any terms to this blossary. Blossaries with five terms or more are featured in the blossary collections.
Add a term
My other Blossarys